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जयपुर, 3 अप्रैल
राजस्थान पुलिस सेवा (आरपीएस) से पिछले महीने बलात्कार से बचे एक बलात्कार के पक्ष में यौन शोषण के आरोप में अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने वाले कैलाश बोहरा के खिलाफ अधिक कठोर कार्रवाई करते हुए राज्य सरकार ने उनकी बर्खास्तगी का आदेश दिया है।
राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद शुक्रवार को यह आदेश जारी किया गया। राज्य सरकार ने 20 मार्च को बोहरा की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी किया था।
बोहरा को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने कथित तौर पर उनकी शिकायतों के आधार पर दर्ज मामलों में कार्रवाई करने के एवज में बलात्कार से बचने वाले से यौन एहसान की मांग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
उन्हें डीसीपी ईस्ट कार्यालय में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के लिए विशेष जांच इकाई में सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के रूप में तैनात किया गया था और 14 मार्च को एसीबी टीम ने उनके कार्यालय से गिरफ्तार किया था।
बोहरा ने पहले महिला से पैसे की मांग की थी, जिन पर एक बलात्कार सहित तीन मामले दर्ज थे। इसके बाद, उसने मामलों में कार्रवाई करने के लिए उससे यौन एहसान मांगना शुरू कर दिया।
अधिकारी मामलों की जांच कर रहा था।
विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और केवल निलंबन पर असंतोष व्यक्त किया। हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन को आश्वासन दिया कि बोहरा को सेवा से समाप्त कर दिया जाएगा।
20 मार्च को, प्रमुख सचिव, गृह अभय कुमार ने प्रशासनिक सुधार विभाग की उच्च-स्तरीय स्थायी समिति की सिफारिश के अनुसार, सार्वजनिक हित में बोहरा (52) अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी किया।
हालांकि, सरकार ने राज्यपाल के अनुमोदन के बाद, संविधान के अनुच्छेद 311 (2) के तहत सेवा से बर्खास्तगी के साथ बोहरा को दंडित करने का अंतिम निर्णय लिया। पीटीआई
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