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संदीप दीक्षित
ट्रिब्यून समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 फरवरी
सूत्रों ने यहां कहा कि भारत और चीन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से जुड़े मुद्दों पर सहयोग पर विचार-विमर्श किया और पूर्वी लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में एक ठोस विघटन अनुसूची पर पर्याप्त वार्ता के लिए मंच तैयार किया।
चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीन के विदेश मंत्रालय के यांग ताओ और भारतीय विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रकाश गुप्ता ने किया।
दोनों पक्षों ने यूएनएससी एजेंडे पर कई मुद्दों पर चर्चा की। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने अपने यूएनएससी कार्यकाल के दौरान भारत की प्राथमिकताओं पर चीनी पक्ष को जानकारी दी। दोनों पक्षों ने यूएनएससी एजेंडे पर प्रमुख मुद्दों पर अपनी सगाई जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की, एमईए विज्ञप्ति जारी की।
भारत 2022 के अंत तक दो साल के लिए यूएनएससी पर एक सीट पर कब्जा करेगा, जबकि चीन पांच स्थायी सदस्यों में से एक है।
सूत्रों ने कहा कि भारत और चीन जल्द ही पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ अपने 10 महीने पुराने गतिरोध में कोने को चालू कर सकते हैं।
अगर जरूरत पड़ी तो भारत चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की दसवीं बैठक आने वाले दिनों में हो सकती है, सूत्रों ने सुझाव दिया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में “तीन म्युचुअल” और आठ “मार्गदर्शक सिद्धांत” का सुझाव दिया था जो आंशिक रूप से चीन-भारतीय संबंधों को प्रभावित कर सकता है जो पूर्वी लद्दाख में अभूतपूर्व चीनी आक्रामकता और हिंसा से प्रभावित हुए हैं।
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